ऊधो वक्त हो गया नंगा।।

ऊधो वक्त हो गया नंगा।।
हाजी बखिया बीन बजायें नाचें बिल्ला-रंगा।।


विधि विधान पुस्तक में सोये
ओढ़े कफन तिरंगा
जंगल का कानून चतुर्दिक
लाठी राज अभंगा
घर बाहर दहशत के डेरे कोई साथ न संगा।

मनु का रक्त स्वास्थ्यवर्द्धक अति
पीने वाला चंगा
रोगी जल में कहाँ हिलोरें
उर्मिल मस्त तंरगा
शिव के जटा-जूट जा बैठी पतित पावनी गंगा।।
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